डेस्क न्यूज. कोरोना माहौल के बीच अफवाहों का बाजार काफी तेजी से चल रहा है। सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर कोरोना वायरस को लेकर एक से एक भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। पिछले काफी समय से सोशल मीडिया पर एक अफवाह काफी तेजी से वायरल हो रही है और वो ये है कि कोरोना वायरस का संक्रमण 5g टावर की टेस्टिंग का दुष्परिणाम है। अर्थात 5जी टावर की टेस्टिंग की वजह से कोरोना वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है। इस दावे की पड़ताल PIB की फैक्ट चेक टीम ने की है और जांच में ये दावा फर्जी साबित हुआ है।
वैज्ञानिक भी दावे को नकार चुके हैं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैज्ञानिकों ने भी इस तरह के दावों को खारिज किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 और 5-जी तकनीक के बीच संबंधों की बात पूर्ण गलत है और यह जैविक रूप से संभव नहीं है। वैज्ञानिकों ने कहा था कि जो लोग ऐसे पोस्ट शेयर कर रहे है वो सब कांस्पेरेसी थ्योरी को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसमें 5-जी की मदद से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का झूठा दावा किया जा रहा है।
फर्जी सूचनाएं शेयर हो सकता है- PIB
पीआईबी ने कहा है कि ये दावा एकदम गलत है। PIB ने कहा है कि विश्वव्याप्त महामारी कोरोना वायरस को लेकर इस तरह की गलत और एकदम फर्जी सूचनाएं साझा करना ठीक नहीं है। इसके गंभीर परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। पीआईबी ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के किसी भी दावे पर आंख बंद करके भरोसा ना करें।
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