डेस्क न्यूज. लगातार जिस तरह किसान आंदोलन ने पूरे देश भर में तेजी पकड़ी है वही शाहजहांपुर बॉर्डर पर राजस्थान के विभिन्न हिस्सों के साथ ही हरियाणा बॉर्डर लगने के कारण कुछ हरियाणा के किसान भी वहां पर मौजूद हैं. किसान आंदोलन के बारे में भिवानी के मिरान गांव के लोग क्या सोचना हैं देखिए.
भिवानी के मिरान गांव के लोग |
वीरेंद्र कहते हैं कि सरकार को यह काले कानून को वापस लेने पड़ेंगे. जब तक सरकार काले कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे.
किसान नरेंद्र का कहना है कि हमें नरेंद्र मोदी से आशा है और सरकार काले कानून जरूर वापस लेगी. इसी के साथ हमें एमएसपी की गारंटी भी मिलेगी. हम तब तक यहीं पर डटे रहेंगे जब तक इन काले कानून को वापस नहीं लिया जाता.
20 साल के युवा किसान का कहना है कि जिस तरह सामने दुष्यंत चौटाला को सरकार में भागीदारी के लिए चुना था वह भी हमारे साथ में ही खड़ा है. आगामी चुनावों में राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी सबक सिखाया जाएगा.
एक और भिवानी के मीरान गांव के एक युवा किसान का कहना था कि यहां पर आपके जैसे मीडिया बहुत कम आते हैं और हम गोदी मीडिया को यहां पर आने नहीं देते हैं क्योंकि यह मोदी का मीडिया है बिका हुआ मीडिया है
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