Alwar: हर संभव मदद के लिए तत्पर 'गुजारिश एक पहल' संस्था

डेस्क न्यूज़. आज हम आपको अलवर जिले की एक ऐसी संस्था के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर क्षेत्र में किसी ना किसी रूप में मदद के लिए तत्पर रहती है इस संस्था का नाम है 'गुजारिश एक पहल'.संस्था की शुरुआत एक महिला की मदद के साथ शुरू हुई और आज सैकड़ों लोगों तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मदद 'गुजारिश एक पहल' संस्था पहुंचा रही है.


दीदी की मदद के साथ शुरू हुई संस्था

संस्था के अर्जुन बताते हैं कि उनके पास एक दिन किसी महिला का फेसबुक पर मैसेज आता है और वह अर्जुन से अपनी परेशानी बतलाती है अर्जुन उस महिला को हर संभव मदद के लिए भरोसा देते हैं और अपने साथियों से मदद की गुजारिश करते हैं इस दौरान 20 से 25 हजार रुपए इकट्ठा होता है और वे उन पैसों को उस महिला को जिन्हें अब वह अपनी दीदी कहने लगे थे उन्हें दे देते हैं बस यही से शुरू हुई इस संस्था की शुरुआत. फिर मदद का काफिला आगे चलता रहा और धीरे-धीरे लोग संस्था के साथ जुड़ते रहे.

'गुजारिश एक पहल' संस्था का व्हाट्सएप ग्रुप

मदद के लिए तुरंत पहुंच जाते हैं रक्तदाता

संस्था का एक व्हाट्सएप ग्रुप है जिसमें अलवर जिले के साथ ही आसपास के क्षेत्र में किसी अजनबी को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो संस्था के लोगों के द्वारा तुरंत जरूरतमंद को डोनर उपलब्ध कराया जाता है. रक्तदान करने वाले को यह नहीं पता होता है कि वह किस को रक्त दे रहा है दिन हो या रात हर समय संस्था से जुड़े रक्तदाता रक्तदान करने के लिए तैयार रहते हैं.

बाला किला में सफाई करते संस्था के लोग

जब एक बार रक्तदान करने पर थमा दिए थे मित्र को पैसे

अर्जुन बताते हैं कि एक बार उनके मित्र ने किसी जरूरतमंद को रक्तदान किया था तो उस जरूरतमंद व्यक्ति के एक साथी ने अर्जुन के मित्र के हाथ में पैसे दे दिए. मित्र ने पैसे वापस करते हुए कहा कि हमें आपके पैसों की जरूरत नहीं है अगर दुबारा से पैसे देने की कोशिश की तो दूसरी बार रक्त और उपलब्ध नहीं हो पाएगा. और कहा आप तो बस रक्तदान करिए किसी जरूरतमंद को समय आने पर मदद करिए. संस्था की कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जा सके.

पर्यटन के मुद्दे को उठाकर, विरासत को बचाने की कोशिश

अलवर में पर्यटन को लेकर भी संस्था के लोग काम कर रहे हैं और इसके लिए वे सरकार के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों से भी इसमें सुधार के लिए मांग करते हैं इसके लिए कुछ समय पूर्व मंत्री टीकाराम जूली को भी ज्ञापन सौंपा गया था अर्जुन बताते हैं कि अलवर में पर्यटन का विकास ना हो पाने का प्रमुख कारण है कि कहीं ना कहीं अलवर राजनीति का शिकार है. 

लॉकडाउन में जरूरतमंद लोगों के लिए खाना बनाते संस्था के लोग 

महिला सशक्तिकरण और बच्चों के लिए गुड टच-बैड टच की दिशा में कदम

स्कूल में बच्चों को गुड टच-बेड टच के बारे में जानकारी देते हुए

संस्था महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी कार्य कर रही है स्कूल कॉलेजों में जाकर लड़कियों को आत्मरक्षा करने के तरीके सिखाए जाते हैं इसी के साथ छोटे बच्चों को गुड टच बैड टच की क्लास संस्था के सदस्यों द्वारा दी जाती है इसी के साथ गुजारिश एक पहल संस्था महिलाओं के रोजगार के लिए भी काम कर रहा है








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